हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के बाद भड़की हिंसा में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों के मरने और घायल होने की सूचना मिली है।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में लगभग 42 लोगों की मौत हुई हैं जिनमें से 28 की पहचान मुसलमान के रूप में की गई।
इन हिंसक हत्याओं में से 20 युवकों की मौत मतदान के दिन ही हुईं हैं जिनमें से 15 मृतक मुस्लिम समुदाय के बताए जा रहे है।
यह हिंसक घटनाएं ज्यादातर मालदा और मुर्शिदाबाद के क्षेत्रों में हुई हैं, जहां बड़ी संख्या में बंगाली मुस्लिम रहते थे. इसके अलावा नादिया, कूच बिहार और दक्षिण 24 परगना में भी काफी हिंसा हुई है।
सोशल एक्टिविस्ट आदिल हुसैन ने चुनाव के दौरान बंगाली मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि, मैं हमेशा बंगाल की राजनीतिक हिंसा को इसी चश्मे से देखता हूं. यह पार्टी के बारे में नहीं बल्कि हाशिये पर पड़े समुदाय की धार्मिक पहचान के बारे में है जो इन मृतकों को परिभाषित करता है।
मरने वाले 42 लोगों में से 26 तृणमूल कांग्रेस से जुड़े थे, छह का कांग्रेस पार्टी से संबंध था, पांच भाजपा से जुड़े थे, तीन वामपंथी पार्टी के कार्यकर्ता थे और एक भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का सदस्य था।