“अबकी बार, आतंकवाद पर वार” का नारा देकर 2014 में सत्ता पर काबिज़ हुई मोदी सरकार में लगभग 3 हज़ार से अधिक आतंकी घटनाएं सामने आईं है, जिसमें हमारे देश के 728 सैनिक भी शहीद हुए है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था कि, कांग्रेस ने आतंकवाद और अलगाववाद को अपने हित में पनपने दिया था. इन्होंने देश की बहुत बड़ी जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी थी, जिस कांग्रेस ने देश की सेनाओं का आधुनिकरण होने से रोक दिया, ये हमें आज राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए भाषण दे रही हैं।
इस प्रकार 22 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में 48 वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले आठ वर्षों में तीन समस्याओं – कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व में मादक द्रव्य और सशस्त्र समूह का स्थायी समाधान खोजने में बड़ी सफलता हासिल की है, जो कई वर्षों से आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ था।
इन दोनों नेताओं के भाषण से प्रतीत होता है कि 2014 के बाद देश लगभग आतंकवाद और आतंकी घटनाओं से मुक्त हो चुका है, ये घटनाएं सिर्फ़ 2014 से पहले ही होती थीं. इसके अलावा बीजेपी राजस्थान का एक पोस्टर भी सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है जिसमें कई अखबारों की कटिंग लगीं हुई है और उस पर प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा गया था कि ‘जो पाकिस्तान का पानी नहीं रोक पाए वो आतंकवाद क्या रोकेंगे’, “अबकी बार आतंकवाद पर वार”.
लेकिन जब हमने इसी सरकार द्वारा पेश किए गए आकड़ें निकाले तो पता चला कि मोदी सरकार के राज में पिछले 10 साल में लगभग 3 हज़ार से अधिक छोटी बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुई है।
गृह मंत्रालय द्वारा ज़ारी आंकड़ों के मुताबिक़, वर्ष 2014 से 2020 तक 2546 आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं, जिनमें 481 सैनिक शहीद हुए तथा 215 आम नागरिकों की मौत हुई है।
इसके अलावा ‘साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल’ के मुताबिक़, 2021 से लेकर 2 मार्च 2024 तक कुल 923 हत्या की घटनाएं सामने आई है, जिनमें 247 सैनिक शहीद हुए है और 404 आम नागरिक मारे गए है।
इस प्रकार लोकसभा में गृह मंत्रालय द्वारा बताएं गए आंकड़े और ‘साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल’ द्वारा ज़ारी किए गए आंकड़ों को जोड़े तो 2014 से लेकर 2 मार्च 2024 तक कुल 3469 आतंकवाद से जुड़ी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें कुल 728 सैनिक शहीद हुए है और 619 आम नागरिक मारे गए है।