Journo Mirror
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रोहिंग्या शरणार्थियों को समुद्र में फेंकने से जुड़ी एडवोकेट प्रशांत भूषण की वीडियो पोस्ट करने पर यूट्यूब ने Journo Mirror पर लगाई 90 दिनों की पाबंदी

यूट्यूब ने Journo Mirror के आधिकारिक यूट्यूब एकाउंट पर कम्युनिटी गाइडलाइंस स्ट्राइक भेजकर 90 दिनों की पाबंदी लगा दी है, जिसको जर्नो मिरर की टीम ने मीडिया कि स्वतंत्रता पर हमला बताया है।

जर्नो मिरर द्वारा जारी अधिकारिक बयान के मुताबिक, यूट्यूब के माध्यम से हमें जानकारी मिली है कि Journo Mirror के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 90 दिनों के लिए पाबंदी लगा दी गई है, क्योंकि हमने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण जी की एक वीडियो बाइट पोस्ट की थी, जिसमें वह “रोहिंग्या शरणार्थियों को समुद्र में फेंकने” की बात कह रहे थे। इस वीडियो को यूट्यूब ने कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन बताते हुए हमारे चैनल पर कंटेंट पोस्ट करने पर भी पाबंदी लगा दी है, जिसके कारण हम वीडियो पोस्ट करने में असमर्थ है।

आपको बता दें कि उस वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे यह प्रतीत हो कि वीडियो का कंटेंट यूट्यूब की कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है, लेकिन उसके बावजूद यूट्यूब द्वारा Journo Mirror के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के खिलाफ कार्रवाई की गई।

इस बारे में जब यूट्यूब को बताया गया कि प्रशांत भूषण जी की बाइट कई और यूट्यूब चैनलों पर भी पोस्ट की गई है और उनका थंबनेल भी हमसे मिलता-जुलता है, तो कम्युनिटी गाइडलाइंस स्ट्राइक सिर्फ हमारे यूट्यूब चैनल पर ही क्यों भेजी गई? इस पर यूट्यूब की तरफ से जवाब आया कि “हम सिर्फ आपके चैनल के बारे में बात कर सकते है किसी और के बारे में नहीं.”

अब हमारा सवाल यह है कि क्या यूट्यूब की कम्युनिटी गाइडलाइंस Journo Mirror के लिए अलग हैं और अन्य चैनलों के लिए अलग? या फिर Journo Mirror को जानबूझ कर निशाना बनाया गया है?

वीडियो में ठीक वही बात कही गई है जो मैंने थंबनेल में दिखाई है। हम यह नहीं कह रहे कि दूसरे चैनलों ने ऐसा किया है, इसलिए हमें माफ कर दिया जाना चाहिए। बल्कि, हम यह कह रहे हैं कि दूसरे मीडिया ने भी इसे रिपोर्ट किया है, क्योंकि यह खबर सच है। फिर केवल हम पर कार्यवाही करना, वो भी एक सच्ची खबर दिखाने के लिए, क्या दर्शाता है?

जर्नो मिरर के को फाउंडर शाहिद अंसारी का कहना है कि, यह खुलेआम प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। हम यूट्यूब की इस कार्रवाई की निंदा करते हैं। हम यूट्यूब के इस मनमाने और बेवजह उठाए गए कदम को चुनौती देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

यह हमारे लिए संकट की घड़ी है। हम इस मुश्किल वक्त में आप सभी के एक साथ खड़े होने की उम्मीद कर रहे हैं। हम अपने सभी पाठकों को सच्ची और सटीक खबरें प्रदान करने से पीछे नहीं हटेंगे।

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