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दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक तथा पिछड़े वर्गों के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है: राहुल गांधी का बड़ा आरोप

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि देशभर में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है और आयोग इस पर कार्रवाई करने के बजाय “वोट चोरों” की रक्षा कर रहा है।

आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी ने खुलासा किया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में हजारों वोटरों के नाम सॉफ़्टवेयर के ज़रिए अवैध रूप से हटाए गए।

उन्होंने दावा किया कि यह पूरी प्रक्रिया “कॉल सेंटर” की तरह एक केंद्रीकृत सिस्टम से चलाई जा रही थी।

राहुल गांधी ने कहा कि यह “टार्गेटेड डिलीशन” थी, जिसमें खास तौर पर कांग्रेस समर्थक और दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक तथा पिछड़े वर्गों के वोटरों को निशाना बनाया गया। उन्होंने सबूत के तौर पर कुछ मतदाताओं को भी सामने लाया जिनके नाम बिना उनकी जानकारी के हटाए गए थे।

उन्होंने बताया कि कर्नाटक CID पिछले 18 महीनों से चुनाव आयोग से OTP ट्रेल्स, IP एड्रेस और डिवाइस पोर्ट्स की जानकारी मांग रहा है लेकिन आयोग ने अब तक सहयोग नहीं किया। गांधी ने कहा, “CEC ज्ञानेश कुमार उन लोगों को बचा रहे हैं जो लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कई उदाहरण भी दिए—

एक महिला मतदाता गोदाबाई को दिखाया गया कि उसने 12 नाम हटाए।

सुर्यकांत नामक वोटर के नाम से 14 मिनट में 12 नाम हटाए गए।

नागराज के नाम से महज़ 36 सेकंड में 2 नाम हटाए गए और वह भी सुबह 4 बजे।

गांधी ने महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह की गड़बड़ियों का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चुनाव आयोग एक सप्ताह के भीतर OTP ट्रेल्स और IP एड्रेस की जानकारी सार्वजनिक नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि आयोग दोषियों की रक्षा कर रहा है।

राहुल गांधी ने कहा कि आने वाले दिनों में वे “हाइड्रोजन बॉम” जैसे और भी बड़े खुलासे करेंगे।

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