जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सयैद सआदतुल्लाह हुसैनी ने बरेली में इस्लामिक स्कॉलर मौलाना तौकीर रज़ा खान समेत कई लोगों की गिरफ्तारी पर गंभीर चिंता जताई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सांप्रदायिक राजनीति और घृणा से प्रेरित शासन देश को खतरनाक दिशा में ले जा रहा है।
हुसैनी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि “‘I Love Muhammad’ जैसे साधारण और श्रद्धा से भरे नारे को सार्वजनिक व्यवस्था के लिए ख़तरा बताकर एफआईआर दर्ज करना और सामूहिक गिरफ्तारियाँ करना न केवल अनुचित है बल्कि भारत के बहुलतावादी लोकाचार पर अपमानजनक हमला है।”
उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के मुताबिक मौलाना तौकीर रज़ा को पहले नजरबंद किया गया और बाद में बिना उचित जांच के सैकड़ों मुसलमानों के साथ उन पर भी कठोर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए।
उन्होंने राजनीतिक नेताओं पर मौलाना के ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह पूरे घटनाक्रम के पीछे छिपी घिनौनी राजनीति को उजागर करता है।
जमाअत अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत ने अपनी लोकतांत्रिक यात्रा में कई विरोध प्रदर्शन देखे हैं, लेकिन अतीत में ऐसे आंदोलनों का समाधान संतुलित तरीक़े से किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने विशेष समुदाय को निशाना बनाकर संविधान की भावना और निष्पक्ष शासन के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।
हुसैनी ने कहा, “राज्य की मशीनरी और क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। चुनाव नज़दीक आते ही सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति तेज़ हो जाती है, जिससे देश का सामाजिक ताना-बाना कमज़ोर हो रहा है।”
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से शांति, धैर्य और करुणा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) के संदेशों का अनुसरण करें। साथ ही सरकार से मांग की कि सभी अतिश्योक्तिपूर्ण आरोप वापस लिए जाएं, गलत तरीके से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए और शासन में समानता व न्याय बहाल किया जाए।

