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मौलाना तौक़ीर रज़ा के समर्थन में उतरा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, तुरंत रिहाई की मांग की

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना तौक़ीर रज़ा खान सहित कई लोगों की गिरफ्तारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धमकी भरे बयानों और पुलिस के प्रतिशोधात्मक रवैये की कड़ी निंदा की है।

बोर्ड ने मांग की है कि मौलाना तौक़ीर रज़ा खान और सभी गिरफ्तार लोगों को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए। साथ ही, कानपुर की घटना के बाद राज्यभर में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है।

बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एस. क्यू. आर. इलियास ने प्रेस बयान में कहा कि मौलाना तौक़ीर रज़ा खान और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि कानपुर की घटना को लेकर मुस्लिमों का शांतिपूर्ण विरोध अपराध नहीं है, लेकिन पुलिस की गैर-जिम्मेदाराना और आक्रामक कार्रवाई शक्ति का दुरुपयोग और गंभीर अन्याय है।

आई लव मोहम्मद (ﷺ)” लिखे नारे या बैनर लगाना न तो अवैध है और न ही असंवैधानिक। भारत में अन्य धर्मों के लोग भी अपने पूज्य व्यक्तित्वों के प्रति इसी तरह का सम्मान प्रकट करते हैं और उनके खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में कानपुर में इस बैनर को लेकर एफआईआर दर्ज करना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि खुला भेदभाव है।

डॉ. इलियास ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रयुक्त अहंकारी और साम्प्रदायिक भाषा उनके पद और गरिमा के खिलाफ है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वे भारत के संविधान के तहत निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं, न कि किसी एक समुदाय के नेता। वे पूरे प्रदेश की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए उन्हें पक्षपातपूर्ण और साम्प्रदायिक भाषा से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मौलाना तौक़ीर रज़ा खान एक सम्मानित और जिम्मेदार सामुदायिक नेता हैं, जिन्होंने केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था, जो संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों के पूर्णतः अनुरूप है। सरकार के किसी भी कदम का विरोध करना हर नागरिक का मौलिक और संवैधानिक अधिकार है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि मौलाना तौक़ीर रज़ा खान और सभी गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए और दर्ज किए गए सभी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं।

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