बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मुस्लिम समुदाय से समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बजाय बसपा को समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि केवल बसपा ही भाजपा की “विनाशकारी राजनीति” को हराने में सक्षम है।
मायावती ने यह बातें उत्तर प्रदेश में आयोजित एक भाईचारा सम्मेलन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने हमेशा सपा और कांग्रेस को भावनात्मक, आर्थिक और शारीरिक रूप से समर्थन दिया है, लेकिन इसके बावजूद दोनों पार्टियाँ भाजपा को रोकने में विफल रही हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “2007 में बसपा को सीमित मुस्लिम समर्थन मिला था, फिर भी पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। इससे साफ है कि बसपा ही भाजपा का विकल्प बन सकती है।”
बसपा सुप्रीमो ने सपा और कांग्रेस पर “दलित, पिछड़ा और मुस्लिम विरोधी” नीतियाँ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की गलत नीतियों और राजनीतिक अवसरवाद ने ही भाजपा को उत्तर प्रदेश में मज़बूती दी है। मायावती ने मुसलमानों से अपील की कि वे इस “कड़वी सच्चाई” को जल्द पहचानें और बसपा के साथ जुड़ें।
अपने शासनकाल (2007–2012) का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी सरकार ने मुसलमानों को सुरक्षा, न्याय और सम्मान दिया। “बसपा सरकार में कानून-व्यवस्था मजबूत थी, प्रदेश दंगों और सांप्रदायिक हिंसा से मुक्त था,” उन्होंने कहा।
मायावती ने दावा किया कि बसपा ही ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों का सच्चा प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि “हमारा मिशन वंचित समुदायों को उनका संवैधानिक अधिकार और सम्मानजनक जीवन दिलाना है।”
सम्मेलन में मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बसपा के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और जोनल कोऑर्डिनेटर भी मौजूद रहे। बैठक में चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान पर भी चर्चा की गई।


