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झारखंड: हजारीबाग में अडानी की कोयला परियोजना के खिलाफ हजारों लोगों की महापंचायत, ग्रामीणों बोले- यह आज़ाद भारत की ईस्ट इंडिया कंपनी है

झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव के हरली गांव में अडानी एंटरप्राइजेज की प्रस्तावित कोयला खनन परियोजना के खिलाफ सोमवार को बड़ी महापंचायत हुई। इस महापंचायत में आदिवासी, दलित, पिछड़े और मुस्लिम समुदाय के 10,000 से अधिक लोग शामिल हुए। लोग हाथों में “अडानी वापस जाओ”, “जल-जंगल-जमीन बचाओ” जैसी तख्तियाँ लिए जोरदार नारे लगा रहे थे।

महापंचायत में क्रांतिकारी आदिवासी गीत गूंजते रहे—
“गांव छोड़ब नहि, जंगल छोड़ब नहि, माई माटी छोड़ब नहि, लड़ाई छोड़ब नहि…”
यह गीत संघर्ष और ज़मीन बचाने के संकल्प का प्रतीक बन गया।

मकतूब मीडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक़, गोंदलपुरा सहित पाँच गांवों के लोगों का आरोप है कि कोयला परियोजना के लिए उनकी सहमति बिना ही फर्जी ग्राम सभा दिखाकर मंजूरी ले ली गई। परियोजना में 513 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है, जिसमें लगभग 40% वन भूमि है।

डॉ. मिथलेश कुमार डांगी (आज़ादी बचाओ आंदोलन) ने कहा, “सरकार कंपनियों के दबाव में फर्जी ग्राम सभाएँ कर रही है। इस महापंचायत के जरिए हम अपना फैसला खुद दे रहे हैं—यह भूमि हम नहीं देंगे।”

ग्रामीणों का कहना है कि कंपनियों ने नौकरी, मुआवज़ा और पुनर्वास के कई वादे किए, लेकिन पहले के प्रोजेक्टों में इनमें से कुछ भी पूरा नहीं हुआ।

बादाम गांव के मोहम्मद अज़हर ने कहा, “कंपनी आने से भाईचारा टूटेगा और खेती भी खत्म हो जाएगी। मुआवज़ा कम है और नुकसान बहुत बड़ा।”

एक युवा ग्रामीण भूपिंदर कुमार ने कहा, “अडानी और एनटीपीसी आज़ाद भारत की ईस्ट इंडिया कंपनी हैं। जैसे हमारे पुरखे अंग्रेज़ों से लड़े थे, हम भी अपने जल-जंगल-जमीन के लिए लड़ेंगे।”

ग्रामीणों ने बताया कि विरोध रोकने के लिए उन पर फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं।
4 अक्टूबर 2024 को बैरिकेड हटाने के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों पर गोलीबारी भी की थी, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ था।

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