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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए फरिश्ता बने मेरठ के आलमगीर, छात्रों तक खाने पीने की वस्तुएं पहुंचा रहें हैं

जब अपनें ही देश की सरकारें अपने ही छात्रों की मदद करने में नाकाम साबित होती दिख रहीं हो तो उस समय में इंसान की शक्ल में कोई न कोई फरिश्ता जरूर आता हैं।

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहें भयानक युद्ध के बीच हिंदुस्तान के सैकड़ों छात्र अभी में जिंदगी और मौत से गुजर रहें हैं।

हिंदुस्तानी छात्रों के पास रहने के लिए सुरक्षित जगह नहीं, पेट भरने के लिए खाना नहीं हैं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के रहने वाले आलमगीर भारतीय छात्रों के लिए फरिश्ता बनकर आए हैं. आलमगीर भारतीय छात्रों को राशन से लेकर ज़रूरत का सभी सामान मुहैया करवा रहें हैं।

अलमगीर किठौर के ललियाना गांव से हैं वह 6 साल पहले यूक्रेन में एमबीबीएस करने गए थे तथा वहीं किसी एजुकेशन कंपनी से भी टच में आ गए. जिसके बाद अपने ज़िले के छात्रों का भी यूक्रेन में एडमिशन कराने लगें।

फिलहाल आलमगीर अपनी कंपनी की मदद से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को राशन से लेकर ज़रूरत का सभी सामान मुहैया करवा रहें हैं तथा छात्रों को वापस हिंदुस्तान भेजने में भी मदद कर रहे हैं।

पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी के अनुसार “यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को खाने पीने का राशन मुहैय्या करा रहे है किठौर(मेरठ) के आलमगीर,वह ज़रूरतमंद छात्रों को राशन ही नही बल्कि ज़रूरत का हर सामान मुहैय्या करा रहे है,आलमगीर कारगिल युध्द में शहीद होने वाले ज़ुबैर अहमद के गांव ललियाना से है जो कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे।”

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