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लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला: दैनिक भास्कर एवं भारत समाचार के दफ्तरों पर इनकम टैक्स का छापा

लोकतंत्र का चौथे स्तंभ कहें जाने वाली मीडिया पर इनकम टैक्स का छापा पड़ने पर पूरे देश में हाहाकार मच गया है लोगों बोल रहे है यह अघोषित आपातकाल है।

पिछले कुछ समय से अपनी पत्रकारिता के जरिए लोगों का दिल जीतने वाले दैनिक भास्कर समाचारपत्र एवं भारत समाचार चैनल के दफ्तरों पर इनकम टैक्स ने छापा मारा है।

दैनिक भास्कर ने कोरोना काल के दौरान केन्द्र सरकार की नाकामियों का उजागर करने का काम किया था तथा भारत समाचार ने तीखे सवाल पूछकर सत्ता को परेशान किया था।

विपक्ष का आरोप है कि केन्द्र सरकार की पोल खोलने के कारण मीडिया पर इनकम टैक्स ने छापा मारा है। ताकि स्वतंत्र पत्रकारिता को खत्म किया जा सकें।

पत्रकार अभिनव पांडेय का कहना है कि “सुबह के 4 बजे भड़भड़ाकर 25 लोग भास्कर के भोपाल दफ्तर में घुसते हैं।15-20 हजार की नौकरी करने वाले सभी पत्रकारों का फोन जब्त कर लेते हैं।तब से उन्हें बैठाए रखा है, मानसिक प्रताड़ना के सिवाय कुछ नहीं। मुंबई से टीम‌ आई,स्थानीय को हवा तक नहीं लगी। वाकई रात-रात काम हो रहा है।”

अभिनव पांडेय आगे लिखते है कि “दैनिक भास्कर के बाद अब लखनऊ में ब्रिजेश जी के ‘भारत समाचार’ के दफ्तर पर भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा है। छपने का रोग रखने वाले सच्चाई की छाप से इतना डरते हैं?”

मीडिया हाऊस पर इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद पत्रकारिता जगत एकजुट नज़र आ रहा है जानी-मानी पत्रकार आरफा खानम शेरवानी लिखती है कि “दैनिक भास्कर व भारत समाचार ने लगातार सरकार से सवाल पूछे हैं,जवाबदेही माँगी है,जनहित पत्रकारिता की है।गंगा में तैरती लाशें और ऑक्सीजन की कमी से मरते लोगों की आवाज़ को भी उठाया है।दरबारी मीडिया के नैरेटिव को ललकारकर आम जनता के सच को दिखाया है। उनपर हमला सरकार की बौखलाहट दर्शाता है।”

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