दिल्ली के जंतर मंतर पर लगें सांप्रदायिक नारों के मामलें पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है।
देश की राजधानी के सबसे सुरक्षित इलाक़े में खुलेआम मुस्लिम विरोधी नारे लगाएं जाते है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री एक शब्द तक नही बोलते।
सवाल तो तब खड़े होते है जब मुसलमानों को खुलेआम काटने की बात करने वाले लोग गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर ही ज़मानत पर रिहा हो जाते है और लोग उनके समर्थन में जमकर नारे बाजी करते है।
राष्ट्रीय उलमा काउंसिल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि “शरजील इमाम के मुद्दे पर केजरीवाल बोले थे क्योंकि तब शायद उनके पास असम का चार्ज था, पर अब दिल्ली का CM होते हुए भी ये दिल्ली के जंतर मंतर पे लगाए गए नफरत भरे नारों के खिलाफ नही बोलेंगे क्योंकि दिल्ली पुलिस का चार्ज इनके पास नही है। मैंने कहा Hypocrisy की भी सीमा होती है।
शरजील पे @ArvindKejriwal जी बोले थे क्योंकि तब शायद उनके पास असम का चार्ज था, पर अब दिल्ली का CM होते हुए भी ये दिल्ली के जंतर मंतर पे लगाए गए नफरत भरे नारों के खिलाफ नही बोलेंगे क्योंकि दिल्ली पुलिस का चार्ज इनके पास नही है।
मैंने कहा Hypocrisy की भी सीमा होती है। pic.twitter.com/BnJjlsgw7t
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) August 11, 2021
आपको बता दे कि जब शरजील इमाम ने सीएए का विरोध किया था तथा चक्का जाम करने की बात कही थी तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि “शरजील ने असम को देश से अलग करने की बात कही है ये बेहद गंभीर है आप देश के गृहमंत्री है आपका यह बयान निकृष्ट राजनीति है आपका धर्म है कि आप उसे तुरंत गिरफ्तार करें। उसे ऐसा कहें दो दिन हो गए। आप उसे गिरफ्तार क्यो नही कर रहें? क्या मजबूरी है आपकी? या अभी और गंदी राजनीति करनी है?”
यह बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शरजील की गिरफ्तारी के लिए दिया था लेकिन आज मुसलमानों को काटने की बात कहने वालो के खिलाफ केजरीवाल की खामोशी चिंताजनक है।