वर्तमान समय में पत्रकारिता करना बहुत मुश्किल होता जा रहा हैं आए दिन पत्रकारों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता हैं।
जम्मू कश्मीर में पेलेट गन के शिकार लोगों का दर्द दिखाना एवं सत्ता के खिलाफ पत्रकारिता करना युवा पत्रकार आसिफ सुल्तान को भारी पड़ गया।
पुलिस ने आसिफ सुल्तान को तीन साल पहले UAPA के तहत गिरफ्तार किया था लेकीन आज 1103 दिन बीत जाने के बाद भी वह जेल से रिहा नहीं हो पाए हैं।
उनका परिवार रिहाई के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है लेकीन हर तरफ से सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही हैं। आसिफ सुल्तान की 3 साल की बच्ची भी उनकी रिहाई की मांग कार रही हैं।
देश भर के तमाम पत्रकारों एवं सोशल एक्टिविस्ट ने आसिफ सुल्तान की रिहाई के लिए सोशल मीडिया पर आवाज़ बुलंद की हैं। तथा ट्विटर पर #Justice4AsifSultan ट्रेंड कराया।
पत्रकार रुखसार बानो ने आसिफ सुल्तान की रिहाई का समर्थन करते हुए कहा हैं कि “कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान UAPA के तहत 1102 दिनों से श्रीनगर जेल में बंद है, उनका जुर्म सत्ता के खिलाफ़ पत्रकारिता कर कश्मीर के पैलेट गन पीड़ितों का दर्द दिखाना था, जब आसिफ जेल गये उनकी बच्ची कुछ ही माह की थी लेकिन आज वह भी अपने बाबा की रिहाई मांगने लायक हो गई।
कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान UAPA के तहत 1102दिनों से श्रीनगर जेल में बंद है,उनका जुर्म सत्ता के खिलाफ़ पत्रकारिता कर कश्मीर के पैलेट गन पीड़ितों का दर्द दिखाना था,जब आसिफ जेल गये उनकी बच्ची कुछ ही माह की थी लेकिन आज वह भी अपने बाबा की रिहाई मांगने लायक हो गई।#Justice4AsifSultan pic.twitter.com/C56xp1Ht4e
— Rukhsar Bano (@iiiiiiQra) September 3, 2021
राष्ट्रिय उलमा काउंसिल के अनुसार “प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है लेकिन इसे समाज के एक बहुत ही चुनिंदा वर्ग के लिए अधिकार बना दिया गया है। हमें इस निरंकुशता से असहमत होने के लिए एकजुट होने की जरूरत है। बोल के लब आज़ाद हैं तेरे।
Freedom of Press is a fundamental right but it has been made a right for a very selective section of the society. We need to agree to disagree with this autocracy. Bol ke lab Azad hain tere. #Justice4AsifSultan pic.twitter.com/qRVE8m1KWP
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) September 3, 2021
सोशल एक्टिविस्ट शाहनवाज हुसैन ने ट्विटर के ज़रिए आवाज़ बुलंद करते हुए कहा कि “कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को जेल गए तक़रीबन 3 साल हो गए। आसिफ़ का गुनाह अपनी आइडेंटिटी, दाढ़ी, टोपी के साथ पत्रकारिता करना है। उनका गुनाह उनका नाम ‘आसिफ़’ होना है, उनका गुनाह कश्मीरी मुसलमान होना है। इस मुल्क की न्याय व्यवस्था ने धर्म की लाइन खींच रखी है।
कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को जेल गए तक़रीबन 3 साल हो गए। आसिफ़ का गुनाह अपनी आइडेंटिटी, दाढ़ी, टोपी के साथ पत्रकारिता करना है। उनका गुनाह उनका नाम 'आसिफ़' होना है, उनका गुनाह कश्मीरी मुसलमान होना है।
इस मुल्क की न्याय व्यवस्था ने धर्म की लाइन खींच रखी है।#Justice4AsifSultan— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) September 3, 2021