राजधानी दिल्ली में अवैध मंदिर निर्माण के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सख़्त रुख अपनाते हुए दिल्ली सरकार को जोरदार फटकार लगाई हैं।
मामला डिफेंस कॉलोनी के भीष्म पितामह मार्ग स्थित एक मंदिर का हैं. जिसका अवैध रूप से निर्माण हुआ हैं. अवैध मंदिर निर्माण को लेकर कोर्ट ने इसको ध्वस्त (तोड़ने) करने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता के अनुसार “कोविड-19 महामारी के दौरान किसी ने उनकी संपत्ति के सामने फुटपाथ पर अवैध रूप से मंदिर बना दिया। याचिकाकर्ता ने संपत्ति के सामने इस अतिक्रमण को हटवाने की दरख्वास्त की हैं।
कोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा था कि अधिकारी अवैध मंदिर को चार अक्टूबर को ढहाने की योजना बना रहे हैं।
लेकिन दिल्ली सरकार ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए मंदिर को ध्वस्त करने की जगह इस मामले को उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली धार्मिक समिति को भेज दिया।
दिल्ली सरकार द्वारा अवैध मंदिर के मामले को धार्मिक समिति को भेजने पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि “यह कोई बड़ा मंदिर होता, तो इस मामले की धार्मिक समिति के पास भेज सकते थे। लेकीन अगर कोई रातों-रात 4-5 ईट लगाकर कुछ मूर्तियां रख देगा तो यह मंदिर बन जाएगा, ऐसा कैसे हो सकता हैं।