तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 11 महिने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहें किसान आंदोलन में थोड़ी खटास पैदा हो चुकी हैं।
किसान आंदोलन के बड़े नेता योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक महिने के लिए निलंबित कर दिया हैं. यह सज़ा उनको लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाकर शोक व्यक्त करने के लिए दी गई हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित होने पर योगेंद्र यादव का कहना है कि “मैं संयुक्त किसान मोर्चा के सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं. और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।”
किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है. इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।
किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है।इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
मेरा बयानः pic.twitter.com/xasPeegFNo
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 22, 2021
योगेंद्र यादव के अनुसार “संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पिछले 11 महीने से किसान विरोधी बीजेपी सरकार द्वारा थोपे काले कानूनों के विरुद्ध चल रहा आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है. इस ऐतिहासिक आंदोलन की एकता और इसकी सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
लखीमपुर खीरी में चार शहीद किसानों और एक पत्रकार की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद में उसी घटना में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम शर्मा के घर गया था. उसकी शान में नहीं बल्कि उसके परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए अपने विरोधियों के भी दुख में शरीक होना इंसानियत और भारतीय संस्कृति के अनुरूप है. मेरी यह समझ रही है कि मानवीय संवेदना की सार्वजनिक अभिव्यक्ति से कोई भी आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होता है. जाहिर है आंदोलन में हर साथी इस राय से सहमत नहीं हो सकता और मेरी उम्मीद है कि इस सवाल पर एक सार्थक संवाद शुरू हो सकेगा।
किसी भी आंदोलन में व्यक्तिगत समझ से ऊपर होती है सामूहिक राय. मुझे खेद है कि यह निर्णय लेने से पहले मैंने संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य साथियों से बात नहीं की. मुझे इस बात का भी दुख और खेद है कि इस खबर में किसान आंदोलन में जुड़े अनेक साथियों को ठेस पहुंची. मैं संयुक्त किसान मोर्चा के सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं. उस प्रक्रिया के तहत दी गई सज़ा को सहर्ष स्वीकार करता हूं .इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की सफलता के लिए मैं पहले से भी ज्यादा लगन से काम करता रहूंगा।