Journo Mirror
India Politics

अलीगढ़:- बाप के मृत शरीर को बैट्री रिक्शा पर ले जाने को मजबूर बेटा, पूर्व IAS बोले “किसे धिक्कारें? सिस्टम को या सरकार को?

कोरोना महामारी के कारण चारों तरफ़ त्राहीमाम मचा हुआ है। पिछले 24 घंटों में साढ़े तीन लाख से ज़्यादा लोग कारोना कि चपेट में आचुके हैं। लगभग 3000 से ज़्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। ये तो खैर सरकारी आंकड़े हैं। असल आंकड़े बेहद चौकाने वाले हो सकते हैं।

शमशान घाटों और क़ब्रिस्तानों से जो तस्वीरें आरही हैं उससे ही आप असल आंकड़ों का अंदाज़ा लगा सकते हैं। शमशान घाट में लाशों को जलाने के लिए भी जगह नहीं बची है। लोगों को अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए घंटों इंतेज़ार करना पड़ रहा है।

इस आपदा की घड़ी में सोशल मीडिया पर ऐसी ऐसी ह्र्दय विदारक तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिन्हें देखकर आपके आँसू नहीं रुकेंगे। ऐसी ही एक तस्वीर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आरही है जहां एक बेटा अपने बाप के मृत शरीर को एक बैटरी रिक्शा में लेकर जा रहा है क्योंकि उसके पास एम्बुलेंस को देने के लिए पैसे नहीं हैं।

इस तस्वीर को ट्वीटर पर साझा करते हुए NDTV के सिनियर पत्रकार कमाल खान लिखते हैं “जिस बाप ने जन्म दिया।
जिस बाप ने उंगली पकड़ चलना सिखाया।
जिस बाप ने पीठ पे लाद के घुमाया।
उस बाप के मुर्दा जिस्म को बेटा इस तरह शमशान ले गया।
एम्बुलेंस का अनाप शनाप किराया नहीं दे पाया।
बेटा:चेतन गुप्ता,अलीगढ़।

जिस बाप ने बेटे को अपने कंधों पर खिलाया होगा आज उसी बाप को चार कंधे नसीब नहीं हुए। एक तरफ योगी का ये दावा की हमारे उत्तर प्रदेश में न ऑक्सीजन की कमी है और न बेड और न एम्बुलेंस की। ये तस्वीर योगी के तमाम दावों को झुठला रही हैं और योगी जी से सवाल कर रही है “क्या इस देश का सिस्टम सिर्फ अमीरों के लिए है”

रिटायर्ड IAS अधिकारी ‘सूर्य प्रताप सिंह’ ने भी इस तस्वीर को अपने ट्वीटर से साझा किया साथ में लिखा है कि “अलीगढ में मृत पिता को अंतिम यात्रा पर ले जाते हुए, एक पुत्र की विवशता- टेम्पो के फ्लोर पर रस्सी के जाल में लिपटा निर्जीव पिता, जिसने कभी गोद में खिलाया था उसे l
कारण: एम्बुलेंस न मिलना या अत्यधिक किराया होना l
किसे धिक्कारें, सिस्टम को या फिर सरकार को?

https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1387054276254470154?s=19

Related posts

Leave a Comment