मुसलमानों के साथ भीड़ द्वारा मार पीट की घटना कोई नई बात नहीं है। आये दिन भीड़ द्वारा कभी चोरी के नाम पर कभी धर्म के नाम पर और कभी ज़बरन धार्मिक नारे लगवाने के लिए मारपीट कर दि जाती है। 2014 के बाद जबसे केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार आयी है तबसे इस तरह की घटनाओं में और इज़ाफ़ा हुआ है।
ताज़ा मामला अलीगढ़ का है यहां एक डॉक्टर के साथ मॉब लिचिंग की घटना हुई है। असद नाम के डॉक्टर को एक अज्ञात भीड़ ने इतनी बेरहमी से पीटा की डॉक्टर असद का एक हाथ टूट गया है।
डॉक्टर असद JN अस्पताल, अलीगढ़ में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं। कोरोनाकाल में डॉक्टर असद ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना मरीजों का इलाज किया। ऐसे में डॉक्टर असद के साथ मॉब ललिचिंग की ऐसी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
सोशल मीडिया पर कई डॉक्टरों और समाजसेवियों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है।
डॉक्टर सैय्यद फैज़ान अहमद ने ट्विटर पर इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा है कि
“जिस इंसान ने कोरोनाकाल में घर जाने की बजाए हॉस्पिटल में रहकर कोरोना मरीजों का इलाज किया बदले में उस इंसान को क्या मिला?”
इस घटना को घटे 48 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं लेकिन पुलिस अब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
डॉक्टर सैय्यद फैज़ान अहमद के ट्वीट के जवाब में अलीगढ़ पुलिस ने कहा है कि “प्रकरण में थाना सिविल लाइन में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत है, आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है । साक्ष्यों के आधार पर शीघ्र निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया ।”