गुजरात की एक अदालत ने आज 122 लोगों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया। कोर्ट ने उनको रिहा करते हुए कहा कि पुलिस इनके खिलाफ कोई ठोस, विश्वसनीय और संतोषजनक सबूत पेश नहीं कर सकी।
मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इन 122 लोगों को गुजरात की पुलिस ने गुजरात के सूरत से 2001 में गिरफ्तार किया था। इन 122 लोगों पर “सिमी” से जुड़े होने का आरोप लगाया गया था।
इन 122 लोगों पर UAPA जैसे कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आपको बता दें कि 9/11 हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सिमी को आतंकवादी संगठन बताकर हमेशा के लिए बैन कर दिया गया था।
उस वक़्त के गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में ये गिरफ्तारियां हुई थी। 122 लोगों में से कइयों की मौत जेल की चारदीवारियों के अंदर ही हो गयी है।
सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी चर्चा हो रही है और कई लोग सवाल कर रहे हैं कि जिस गुनाह को इन लोगों ने किया ही नहीं उसके लिए 20 साल जेल में काटना कहाँ का इंसाफ है। और उनके इस बेशकीमती 20 साल को कौन लौटाएगा।