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अरविंद केजरीवाल ने उर्दू एकेडेमी के जिम्मेदारों से मीटिंग की, AIMIM अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ बोले- यह सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है

दिल्ली में उर्दू एकेडेमी का मामला लगातार गहराता जा रहा है एआईएमआईएम इस मुद्दे को लेकर गंभीर है तथा लगातार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से फंड ज़ारी करने तथा पोस्ट भरने की मांग कर रही है।

मामला बढ़ता देख अरविंद केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया ने आनन-फानन में उर्दू एकेडेमी के जिम्मेदारों के साथ मीटिंग भी की है।

ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ का कहना है कि दिल्ली उर्दू अकैडमी के जिम्मेदारों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एकेडमी के चेयरमैन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जो मीटिंग की है वो सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है।

दिल्ली सरकार बताएं उर्दू अकैडमी को उर्दू जानने वाला वाइस चेयरमैन कब मिलेगा, बजट कब दिया जाएगा और खाली पड़ी 27 पोस्ट कब भरी जाएंगी?

दिल्ली उर्दू अकैडमी को डीएसएसबी द्वारा निकाली गई टीचर पोस्ट के विज्ञापन के लिए इस्तेमाल ना करें सिसोदिया।

आपको बता दे कि 14 जून को मजलिस के अध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली सरकार और उर्दू अकैडमी को लेकर बहुत सी बातों का खुलासा किया था उसके परिणाम में दिल्ली सरकार कुछ हरकत में आई है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री उर्दू एकेडमी को लेकर क्यों मुंह में दही जमा कर बैठे हैं DSSB के जरिए जो उर्दू अध्यापकों की पोस्ट निकाली गई है उनको भरने के लिए दिल्ली सरकार क्या कदम उठा रही है।

कलीमुल हफीज़ के अनुसार क्या उर्दू एकेडमी का काम सरकार के लिए विज्ञापन बाजी करना है या उर्दू अदब शायरों ,साहित्यकारों और उर्दू को बढ़ाने के लिए काम करना है सरकार बताएं उसमें उर्दू के क्वालिफाइड टीचर तैयार करने के लिए क्या स्कीम बनाई है।

मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उर्दू एकेडमी का मसला उठाते हुए कहा है कि सरकार उर्दू एकेडमी से संबंधित सुधार करने के बजाए जो काम हो चुका है उसका ढिंढोरा पीटना क्यों चाहती है?

कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से जो उर्दू अध्यापकों की वैकेंसी निकाली गई है उनका उर्दू अकेडमी से कोई ताल्लुक नहीं है उनको एकेडमी की खाली पदों से ना जोड़ा जाए।

मजलिस के अध्यक्ष ने यह भी मांग की कि मजलिस के जरिए उठाए गए मुद्दों पर दिल्ली सरकार गंभीरता से काम करें और जल्द से जल्द एकेडमी की जिम्मेदारी किसी उर्दू की जानकारी रखने वाले शख्स को दें और यह बात याद रखें मजलिस उर्दू अकैडमी सहित तमाम अल्पसंख्यक इदारों के कामकाज पर नजर रखेगी और तमाम जानकारियों पर गौर करेगी।

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