असम में वन भूमि खाली कराने के नाम पर बड़े स्तर पर बेदखली अभियान चल रहा हैं जिसके तहत सबसे ज्यादा नुकसान बंगाली भाषी मुस्लिम परिवारों को भुगतना पड़ रहा हैं।
सोनितपुर जिले में अधिकारियों ने मंगलवार को 2,500 से अधिक परिवारों को बेदखल करने का अभियान शुरू किया हैं जिसमें से ज्यादातर लोग बंगाली भाषी मुसलमान हैं और मुख्य रूप से खेती पर निर्भर हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, यह लोग लगभग 1,892 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से रह रहे हैं, इस भूमि को 1974 में वन भूमि घोषित किया गया था।
सोनितपुर के उपायुक्त देब कुमार मिश्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यह अभियान तीन दिन चलेगा, क्योंकि हजारों लोग दशकों से इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा करके रह रहें है।
आपको बता दे कि इस अभियान के तहत दो मस्जिदों को भी शहीद किया गया है, ग्रामीणों का कहना हैं कि,इन मस्जिदों में हम लोग पिछले 35 साल से नमाज पढ़ रहे हैं।
पीड़ित फ़िरोज़ा बेगम ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताते हुए कहा कि, प्रशासन ने हमे 20 फरवरी को बेदखली अभियान शुरू करने की सूचना दी थीं लेकिन अचानक बिना किसी सूचना के समय से पहले ही बेदखली अभियान शुरू कर दिया गया।