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असम: नागांव में चला बुलडोजर, 1500 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवार बेदखल

असम के नागांव जिले में शनिवार को प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाते हुए आरक्षित वन क्षेत्र से 1,500 से अधिक बंगाली भाषी मुस्लिम परिवारों को बेदखल कर दिया।

यह कार्रवाई लुटिमारी इलाके में 795 हेक्टेयर वन भूमि को “अतिक्रमण मुक्त” कराने के लिए की गई।

सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने तीन महीने पहले नोटिस जारी कर दो महीने में क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया था। निवासियों ने एक महीने का अतिरिक्त समय माँगा, जिस पर प्रशासन ने सहमति भी दी।

शनिवार को शुरू हुई कार्रवाई से पहले तक 1,100 से अधिक परिवार खुद ही घर तोड़कर अपना सामान लेकर निकल चुके थे। अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान बचे हुए मकानों को भी ढहा दिया गया।

एक बेदखल निवासी ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा—

“हमने आदेश मानकर स्वेच्छा से घर छोड़ा, लेकिन अब हमारे पास रहने की कोई जगह नहीं है। सरकार को हमारे पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए थी।”

वन विभाग के विशेष मुख्य सचिव एम.के. यादव ने कहा कि इस क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने से वन भूमि सुरक्षित रहेगी और मानव एवं हाथियों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी।

आपको बता दें कि, 2016 में असम में भाजपा सरकार बनने के बाद से कई जिलों में विध्वंस अभियान चलाए गए हैं, जिनमें अधिकतर बंगाली मुस्लिम बहुल क्षेत्र शामिल हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का दावा है कि मई 2021 में उनके पदभार संभालने के बाद से 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि को “अतिक्रमण मुक्त” कराया गया है।

विस्थापित लोगों का कहना है कि उनके परिवार कई दशक से इस इलाके में रह रहे हैं। उनके अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव में पैतृक भूमि नष्ट होने के बाद वे मजबूरी में यहां बसे थे। अब अचानक बेदखली अभियान से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

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