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असम: पुलिस की गोलीबारी में मारे गए मोइनुल हक़ के पिता बोले- वो अपनें बीवी बच्चों को बचाने के लिए दौड़ा था लेकिन पुलिस ने उसे ही मार दिया

असम में अपने घरों को बचाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहें मुस्लिमों पर पुलिस की गोलीबारी में अब तक लगभग 3 मुसलमानों की मौत हो चुकी हैं।

असम में पुलिसिया जुल्म के शिकार हुए मुसलमानो के बारे में कहा जा रहा हैं कि वह लोग बांग्लादेशी थे जबकि उनके पास से भारतीय आधार कार्ड मिले हैं जिससे पता चलता हैं कि वह सभी भारतीय नागरिक ही थे।

पुलिस की गोलीबारी में मारे गए मोइनुल हक़ के पिता काफ़ी सदमे में हैं तथा बार-बार अपने बेटे को याद करके रोते रहते हैं।

मोइनुल हक के पिता का कहना है कि उनके बेटे की लाश को जेसीबी के ट्रक में उल्टा लटकाकर घसीट कर ले गए, वह परिवार में अकेला कमाने वाला था। वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गया।

मोइनुल हक़ के पिता के अनुसार “वो अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए दौड़ा था और बदले में उसे ऐसी दर्दनाक मौत मिली।”

आपको बता दें कि असम में प्रशासन ने 800 मुस्लिमों के घर तोड़कर उनको बेघर कर दिया, जिसके लिए सभी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहें थे। लेकिन पुलिस ने निहत्थे मुसलमानो पर गोली बरसा दी जिसमें 3 की मौत हो गईं तथा दर्जनों घायल हो गए।

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