देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस हिरासत में मुस्लिम युवक की मौत ने बवाल खड़ा कर दिया है, परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया।
पुलिस अधिकारियों ने बीती 21 जुलाई को 36 वर्षीय मुस्लिम युवक शेख शहादत और उसके चार साथियों को शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसको अदालत में पेश किया गया।
पुलिस ने जांच के लिए मुस्लिम युवक को एक दिन की रिमांड पर लिया था, जबकि अन्य युवकों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक़, रात में खाना खाने के बाद मुस्लिम युवक को लॉकअप में बंद कर दिया गया था, रविवार सुबह लॉकअप के पास तैनात संतरी ने शेख शहादत को जोर जोर से सांस लेते देखा, जिसके बाद पुलिसकर्मी अंबेडकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि परिजनों का आरोप हैं कि, शहादत की मौत पुलिस की पिटाई से हुई हैं, पुलिस उपायुक्त जितेंद्र मीना का कहना हैं कि मामले की जांच की जा रही है, परिवार के लोगों ने जो आरोप लगाए हैं वह निराधार हैं।
मुस्लिम युवक की मौत पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल का कहना हैं कि, 15 दिनों में पुलिस हिरासत में चौथे मुस्लिम युवक की मौत हुई हैं, पुलिस की गुंडागर्दी पर लगाम कौन लगाएगा?
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सर सिर्फ 15 दिनों में चार अलग-अलग राज्यों में पुलिस हिरासत में चौथे मुस्लिम युवक की मौत हो गई. इसका क्या मतलब निकाला जाए? पुलिस को भी मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई करने की छूट दे दी गई है? दिल्ली के सुभाष पैलेस में शेख सहादत की मौत हो गई है।
इस युवक को दो दिन पहले पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. उसके बाद शनिवार को उसकी गिरफ्तारी हुई थी और कोर्ट ने उसे एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था. प्रक्रिया के अनुसार रात में पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट भी कराया था और आज उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई है, परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है।