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दिल्ली: कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुआ नेशनल कांफ्रेंस फॉर माइनॉरिटी आयोजन, बजट का 20% हिस्सा अल्पसंख्यकों को देने की मांग हुई

राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मांग को लेकर “नेशनल कांफ्रेंस फॉर माइनॉरिटी” ने राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जिसमें देश भर के अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम में डीएमके पार्टी के राज्यसभा सांसद पी विल्सन, AIMIM के लोकसभा सांसद इम्तियाज़ जलील, लोकसभा के निर्दलीय एम.पी. नबा कुमार सरनिया, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मोहम्मद नदीमुल हक, दिल्ली के पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र पाल गौतम, पूर्व अपर पुलिस महानिदेशक अब्दुर रहमान, पुणे के डिप्टी मेयर डॉ. सिद्धार्थ ढेंडे, अल्पसंख्यकों के वरिष्ठ नेता श्री राशिदभाई शेख, सोशल एक्टिविस्ट जुबैर मेमन एवं पूर्व पार्षद प्रशांत म्हस्के समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस मौक़े पर सभी प्रतिनिधियों ने एक आवाज़ में कहा कि, भारत में लगभग 20 फ़ीसदी अल्पसंख्यक रहते हैं इसलिए बजट का पांचवा हिस्सा यानी 20 फीसदी बजट अल्पसंख्यक के कल्याण पर खर्च किया जाएं।

नेशनल कांफ्रेंस फॉर माइनॉरिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल डंबले ने भाषण में एनसीएम की विचारधारा, लक्ष्यों, नीतियों और भावी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए सात प्रस्ताव पारित किए।

समापन सत्र में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में कामकाजी महिलाओं के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किया गया जिसमें महिला प्रतिनिधियों ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा की।

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