राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आंदोलन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों के आरोप में अदालत ने तीन मुस्लिम नौजवानों को बरी कर दिया।
कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगा व आगजनी के दो मामलों में तीन मुस्लिम नौजवान मौहम्मद हाशिम, मौहम्मद शमशेर और सलमान को बरी करते हुए कहा कि, गवाह दंगाई के रूप में इनकी पहचान नहीं कर पाए।
कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता शिवम और कांस्टेबल अमित ने आरोपियों की दंगाई के रूप में पहचान नहीं की हैं. इसलिए आगे की सुनवाई की जरूरत नहीं है, दोनों आरोपितों को सबूत नहीं मिलने के कारण बरी किया जाता हैं।
अदालत ने आगे कहा कि, पुलिस भी इन लोगों के खिलाफ किसी भी प्रकार का ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहीं हैं।
आपको बता दे कि मुस्लिम नौजवानों का केस जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी साहब लड़ रहें थे. तीनों लड़कों की रिहाई को जमीयत ने बड़ी कायमाबी बताते हुए खुशी का इज़हार किया हैं।