दिल्ली विश्वविद्यालय के बी.आर. आंबेडकर कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्रों द्वारा की गई हिंसा की घटना ने फिर एक बार विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा और मर्यादा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को कॉलेज परिसर में हुई इस घटना के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की संयुक्त सचिव दीपिका (एबीवीपी) ने कॉलेज के प्रिंसिपल के दफ़्तर में एक वरिष्ठ प्रोफेसर को थप्पड़ मारा। यह सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ।
घटना का पूरा विवरण कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा —
“कॉलेज परिसर में एबीवीपी नेताओं द्वारा की गई यह हिंसक हरकत केवल एक प्रोफेसर पर हमला नहीं, बल्कि पूरे शैक्षणिक समाज की गरिमा पर हमला है। पुलिस की मौजूदगी में हुई यह गुंडागर्दी दर्शाती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस, दोनों पर सत्तारूढ़ पार्टी का दबाव है।”
चौधरी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एबीवीपी की दबंगई और हिंसा की संस्कृति तेजी से बढ़ रही है और प्रशासन की चुप्पी ने इसे और बढ़ावा दिया है। उन्होंने मांग की कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों, जिनमें डूसू की संयुक्त सचिव दीपिका और अध्यक्ष शामिल हैं, की तुरंत गिरफ्तारी की जाए तथा विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन और शैक्षणिक माहौल बहाल किया जाए।
एनएसयूआई ने कहा कि वह शिक्षकों और छात्रों के साथ खड़ी है और देशभर में विश्वविद्यालय परिसरों में फैल रही हिंसा और डर की राजनीति के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।