उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में मुसलमानों की मौत के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहें हैं, जिसके कारण आम लोगों का पुलिस के ऊपर से भरोसा उठता जा रहा हैं।
हाल ही में गाज़ियाबाद के मुस्लिम युवक की पुलिस हिरासत में मौत ने फिर से पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के मकनपुर गांव का रहने वाला दिलशाद कपड़ों की धुलाई और ड्राई क्लीन का काम करता था. पुलिस के मुताबिक विजयनगर थाने में उसके खिलाफ एक महिला ने शिकायत दी थी।
आरोप हैं कि बीते सोमवार शाम को मकनपुर चौकी प्रभारी बॉबी ने दिलशाद को फोन पर झूठ बोलकर बुलाया कि मेरे कुछ कपड़ों की धुलाई होनी है. दिलशाद जैसे ही चौकी पहुंचा तो उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, चौकी से दिलशाद को सफेद रंग की एक कार में बैठाकर पुलिससवाले विजयनगर थाने लेकर निकल गए. ACP सलोनी अग्रवाल के मुताबिक़ रास्ते में दिलशाद वाली गाड़ी को कैंटर ने टक्कर मार दी. जिसमें दिलशाद घायल हो गया. तुरंत उसको यशोदा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि दिलशाद की मां का कहना हैं कि उनके बेटे के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं. जिससे लगता हैं कि उसकी पिटाई की गई हो. हमें बताया जाए कि बेटे के साथ क्या हुआ था? मुझे इंसाफ चाहिए।
विवाद बढ़ता देख इस मामले में कांस्टेबल नीरज राठी समेत अज्ञात पुलिसकर्मियों पर हत्या (IPC-302) के तहत FIR दर्ज़ हुई हैं तथा विभागीय जांच भी की जा रही हैं।
आपको बता दें कि, जिस एक्सीडेंट को दिलशाद की मौत का ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा हैं उस हादसे में कोई भी पुलिसकर्मी चोटिल नहीं हुआ हैं।