भारत में उठ रही फिलिस्तीन विरोधी आवाजों को मद्देनजर रखते हुए श्रीनगर से नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आग़ा सैयद रुहुल्लाह मेंहदी ने लोकसभा में एक सवाल पूछा, जिसमें भारत सरकार का फिलिस्तीन के मामले को लेकर क्या रूख है।
जिसके जवाब में मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने कहा कि, भारत पश्चिम एशिया में उभरती स्थिति और गाजा में मानवीय संकट को लेकर चिंतित है।
सरकार ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित, समय पर और निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता पर बल दिया है। संघर्ष की शुरुआत से, भारत ने दो किस्तों में 16.5 मीट्रिक टन दवाइयों और चिकित्सा आपूर्ति सहित लगभग 70 मीट्रिक टन मानवीय सहायता प्रदान की है।
पिछले साल 5 मिलियन डॉलर जारी किए हैं और इस साल निकट पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 5 मिलियन डॉलर वितरित किए हैं।
हाल ही में, अक्टूबर और नवंबर 2024 में UNRWA और फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय को 65 टन दवाइयाँ भी भेजी गईं।
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने आगे बताया कि, फिलिस्तीन के प्रति भारत की नीति लंबे समय से चली आ रही है और इसमें बातचीत के ज़रिए दो राष्ट्रों के समाधान का समर्थन और सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना शामिल है, जो इज़राइल के साथ शांति से रह सके।
भारत संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता का भी समर्थन करता है।