गुरुग्राम में नमाज़ पढ़ने को लेकर छिड़ा विवाद अब आपसी एकता और भाईचारे में बदल गया हैं. कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनो के विरोध के कारण प्रशासन द्वारा नमाज़ पर रोक लगाने को बाद अब सिख और हिंदू समाज के लोगों ने अपने घर और धार्मिक स्थलों के दरवाज़े खोल दिए हैं।
सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारे नमाज़ के लिए खोल दिए हैं. हिंदू समुदाय के लोगों ने घर के दरवाज़े नमाज़ के लिए खोल दिए हैं।
हेमकुंट कम्युनिटी डेवलपमेंट के डॉयरेक्टर हरतीरथ सिंह ने ऐलान किया हैं कि “गुड़गांव का सदर बाजार गुरुद्वारा अब हमारे मुस्लिम भाइयों के लिए शहर में हुई हालिया घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी दैनिक नमाज अदा करने के लिए खुला है।”
#Gurgaon’s Sadar Bazaar Gurudwara is now open for our Muslim brothers to offer their daily namaz keeping in mind the recent events that took place in the city.
— Harteerath Singh Ahluwalia (@HarteerathSingh) November 17, 2021
गुरुग्राम के सेक्टर 12 के अक्षय यादव ने अपनी 100 गज की दुकान जुमे की नमाज पढ़ने के लिए खोल दी है।
एनडीटीवी को बताते हुए अक्षय यादव का कहना हैं कि किसी भी हाल में गुरुग्राम को टूटने नहीं देंगे. मुसलमान चाहें तो उनके घर के आंगन में भी आकर नमाज़ पढ़ सकते हैं. मैं 40 साल से गुड़गांव में हूं. यहीं पैदा हुआ, मैं इसे टूटने नहीं दूंगा. मेरे जैसे बहुत लोग हैं जो नमाज़ के लिए अपनी जगह देने को तैयार हैं।
पत्रकार राहुल देव ने भी भाईचारे की मिशाल पेश करते हुए कहा हैं कि “मैं गुरुग्राम में ही रहता हूँ लेकिन जहाँ नमाज़ हो रही थी या विरोध हो रहा था उन जगहों से काफ़ी दूर. पास होता तो निश्चय ही अपना घर नमाज़ के लिए खोलता. मेरे घर में नमाज़ होगी तो वह पवित्र ही होगा. जिन कारणों-तरीकों से विरोध हो रहा था वे गहरी पीड़ा दे रहे थे।”
गुरुग्राम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख शेरदिल सिद्धू का कहना हैं कि इस शुक्रवार को इस गुरुद्वारे में गुरुवाणी के साथ में अज़ान भी होगी और जुमे की नमाज़ भी पढ़ी जाएगी।