ज्ञानव्यापि मस्जिद को लेकर चल रहें विवाद में हिंदू पक्ष को कोर्ट से जोरदार झटका लगा हैं, वाराणसी कोर्ट ने मस्जिद परिसर में मौजूद फव्वारे जिसको शिवलिंग कहा जा रहा हैं उसकी वैज्ञानिक जांच की मांग करने वाली हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया हैं।
इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा हैं, हालांकि वैज्ञानिक जांच की मांग को लेकर हिंदू पक्ष पहले ही दो धड़ों में बट गया था कुछ लोग इसका समर्थन कर रहें थे और कुछ लोग विरोध।
आपको बता दे कि, इसी साल 12 सितंबर को फैसला आया था कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई अदालत में हो सकती हैं. जिसपर मुस्लिम पक्ष ने विरोध करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था लेकीन हाईकोर्ट ने भी मुस्लिम पक्ष की मांग को खारिज कर दिया था।
मुस्लिम पक्ष का मानना हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की सुनवाई पूजास्थल कानून 1991 (प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991) का विरोध हैं. लेकिन हाईकोर्ट का कहना हैं कि यह मामला “प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991” के अधीन नहीं आता है
क्या हैं प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991?
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार के दौरान लागू किया गया था. इस एक्ट के अनुसार बाबरी मस्जिद विवाद को छोड़कर 15 अगस्त 1947 को बाद जो धर्म स्थल जिसका हैं वह उसका ही रहेगा।