दिल्ली हाईकोर्ट ने भड़काऊ बयानों को लेकर एक फ़ैसला सुनाया हैं जिसकी चारों तरफ़ आलोचना हो रहीं हैं।
मामला दो साल पुराना हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव एवं सीएए आंदोलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा ने भड़काऊ नारे लगाते हुए कहा था कि, “देश के गद्दारों को गोली मारो सा** को”
इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जज चंद्रधारी सिंह ने कहा कि राजनीतिक भाषण के मामलों में FIR करने से पहले खुद जांच परख कर लेनी चाहिए तथा मुस्कुराते हुए भड़काऊ बयान देना अपराध नहीं।
कोर्ट के इस बयान पर मुस्लिम एक्टिविस्ट शाहनवाज अंसारी का कहना हैं कि, कल को अगर आसाराम, राम रहीम, स्वामी नित्यानंद, संत रामपाल, स्वामी असीमानंद, स्वामी भीमानंद जैसे सैकड़ों रेपिस्ट बाबा दिल्ली हाईकोर्ट में ये कहें कि- ‘उन्होंने रेप मुस्कुराते हुए किया था’ तो क्या तब भी दिल्ली हाईकोर्ट फ़ैसला सुनाते हुए कहेगा-‘मुस्कुराते हुए रेप करना अपराध नहीं है?’
कल को अगर आसाराम, राम रहीम, स्वामी नित्यानंद, संत रामपाल, स्वामी असीमानंद, स्वामी भीमानंद जैसे सैकड़ों रेपिस्ट बाबा दिल्ली हाईकोर्ट में ये कहें कि- 'उन्होंने रेप मुस्कुराते हुए किया था'
तो क्या तब भी दिल्ली हाईकोर्ट फ़ैसला सुनाते हुए कहेगा-'मुस्कुराते हुए रेप करना अपराध नहीं है?'— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) March 27, 2022