Journo Mirror
India

अखलाक के लिंचरों के खिलाफ केस वापस लेने के प्रस्ताव को पढ़कर झटका लगा: एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दादरी के अख़लाक़ लिंचिंग मामले में आरोपियों के खिलाफ चल रहे केस को वापस लेने के प्रस्ताव पर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने इसे चौंकाने वाला और कानून के शासन के लिए बेहद ख़तरनाक बताया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी बयान में सिंघवी ने कहा कि दिनदहाड़े अख़लाक़ के घर में घुसकर भीड़ द्वारा की गई पिटाई और लिंचिंग, परिवार के सामने हत्या, और बेटे के गंभीर रूप से घायल होने जैसी घटनाएं देश की सामूहिक चेतना को झकझोरने वाली हैं।

इसके बावजूद अब, जब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, आरोप तय हो चुके हैं और अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही शुरू हो गई है, ऐसे समय में केस वापस लेने का प्रस्ताव “हैरान करने वाला” है।

अभिषेक सिंघवी ने सवाल उठाया कि इतने गंभीर अपराध में राज्य सरकार की ओर से यह कदम कैसे सोचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे “सांप्रदायिक सौहार्द बहाल करने” के नाम पर सही ठहराना, पीड़ित परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के फैसले से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की छवि और कानून के शासन पर गंभीर सवाल खड़े होंगे।

सिंघवी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि इस “बेतुके प्रस्ताव” को तुरंत रोका जाना चाहिए।

Related posts

Leave a Comment