जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने किशनगंज की आमसभा में वक्फ, मस्जिदों और मदरसों के संरक्षण पर सरकारों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वक्फ मुसलमानों की धार्मिक संपत्ति है, सरकार इसे जबरन कब्जे में लेने की कोशिश न करे।
उन्होंने कहा, “हम कोई ऐसा संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे जो वक्फ पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाए। अगर हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया गया, तो हम संविधान के दायरे में आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।”
मौलाना मदनी ने देश में बढ़ते इस्लामोफोबिया और सांप्रदायिक नफरत पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “न्याय और निष्पक्षता के बिना कोई भी देश जीवित नहीं रह सकता।”
सभा में वक्फ संशोधन बिल का कड़ा विरोध किया गया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान समेत धर्मनिरपेक्ष दलों से इसे खारिज करने की अपील की गई।
सभा में पैगंबर मोहम्मद (स.) के सम्मान की सुरक्षा पर भी प्रस्ताव पारित किया गया और सरकार से सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
मौलाना मदनी ने मुसलमानों से धैर्य और बुद्धिमानी के साथ काम करने की अपील की और कहा, “अंधेरा हमेशा नहीं रहता, एक दिन सवेरा भी होता है।”