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कोरोना मरीज़ पति के सामने ही कंपाउंडर ने की पत्नी से छेड़खानी, इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना बिहार की है

बिहार के भागलपुर से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया है बल्कि बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यस्थाओं की भी पोल खोल कर रख दी है।

भागलपुर की एक महिला अपने पति को कोरोना होने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती करती है। अस्पताल के डॉक्टरों और कंपाउंडरों की लापरवाही ने न केवल उस महिला को विधवा कर दिया बल्कि एक वहां के एक कम्पाउण्डर ने उस महिला के साथ ऐसी हरकत की जिसने महिला को दोहरा सदमा लगा है।

महिला के पति के फेफड़ों में भारी इंफेक्शन के बाद ICU में वह लाचार अवस्था में बेड पर पड़ा था। पति के लाचारी का फायदा उठाकर उसके ही आँखों के सामने ज्योति कुमार नाम के कम्पाउण्डर ने महिला के साथ छेड़खानी की। उसका दुपट्टा खींचने लगा, उसके कमर में हाथ डालकर महिला को अपने तरफ खींचने की कोशिश की।

इंसानियत को शर्मसार करने वाली ये घटना बिहार के भागलपुर ज़िले के ब्लोकल हॉस्पिटल की है।

हॉस्पिटल के स्टाफों की लापरवाही और अपनी पत्नी के साथ हुई इस घटना के सदमे ने आखिरकार उसकी जान ले ली।

महिला ने रोते हुए मीडिया को अपनी आप बीती बताई। महिला ने अपने पति की मौत के लिए हॉस्पिटल स्टाफ को ज़िम्मेदार ठहराया है। महिला ने बताया कि हॉस्पिटल में उसके पति को कोई देखने नहीं जाता था और न ही उसको कुछ खाने को दिया जाता।

रोते हुए महिला ने बताया कि जब उसने ज्योति कुमार नाम के इस कम्पाउण्डर को अपने पति का ध्यान रखने की गुजारिश की तो उसने मुस्कुराते हुए महिला के पास आकर उसके कमर में हाथ रखकर बोला कि “बिल्कुल ध्यान रखूंगा”

महिला ने इस डर से उससे कुछ नहीं कहा कि कहीं ये लोग उसके पति के साथ कुछ न कर दे। फिर भी उन लोगों ने महिला के पति को समय पर न दवाई दी और न खाने को दिया।

जनाधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने ट्विटर पर इस महिला की आपबीती की वीडियो शेयर करते हुए लिखा है
“नीतीश जी
इस बहन को न्याय दो, इनके पति कोरोना से दम तोड़ रहे थे, वासना के वहशी दरिंदे इनके साथ छेड़खानी कर रहे थे।
भागलपुर के ग्लोकल हॉस्पिटल का कंपाउंडर ज्योति कुमार और राजेश्वर हॉस्पिटल के डॉ अखिलेश को गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चला फांसी दो। मैं तो इन दोनों को सजा दिलाऊंगा!

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