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मदद करने के लिए करोड़पति होना जरूरी नहीं, शादाब जैसा दिल होना चाहिए, कोरोना मरीज के परिजनों को मुफ्त पिला रहा है नारियल पानी

कहते हैं न कि किसी की मदद करने के लिए न ही किसी निश्चित समय का होना ज़रूरी होता है और न ये ये ज़रूरी होता है कि आपके पास करोड़ों रुपए हो। अगर आपकी नियत अच्छी और दिल साफ हो तो विषम परिस्थितियों में भी आप किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटते।

इसी का जीता जागता उदाहरण है दिल्ली के पीतमपुरा के शादाब। शादाब पीतमपुरा गुरुद्वारे के पास सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर नारियल पानी बेचते हैं। वहीं गुरुद्वारे के पास ही कोरोना मरीजों को फ्री में ऑक्सीजन सिलेंडर दिया जाता है। शादाब कोरोना मरीजों के परिजनों को फ्री में नारियल पानी पिलाते हैं।

शादाब की कहानी को ट्वीटर पर शेयर करते हुए स्वतंत्र पत्रकार ‘अदनान भट’ लिखते हैं कि वे पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में घूम रहे हैं लेकिन शादाब जैसा दिलेर व्यक्ति नहीं मिला जो खुद दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन फिर भी दूसरों की मदद करने में लगा हुआ है।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण से आज पूरा देश परेशान है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में स्तिथि बद से बदतर हो गई है। लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण तड़प तड़प कर मर रहे हैं।

ऐसे में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कुछ लोग फरिश्ता बनकर अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद कर रहे हैं, ज़रूरतमंदों तक ऑक्सीजन और दवाइयां पहुंचा रहे हैं।

कई ऐसी मुस्लिम गैर सरकारी संगठन हैं जो लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई ऐसी खबरें वायरल हुई है जिसमें हिन्दू लाशों का अंतिम संस्कार मुसलमानों ने हिन्दू रीतिरिवाज से किया।

ऐसे लोग निश्चित ही किसी फरिश्ता से कम नहीं हैं जो अपनी जान की परवाह किये बगैर दूसरों की मदद कर रहे हैं।

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