हिन्दूस्तान वर्तमान समय में कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर एवं स्वास्थय व्यवस्थाओं की कमी से जूझ रहा है।
हिन्दूस्तान में प्रतिदिन कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग कम मर रहे है बल्कि ऑक्सीजन एवं बेहतर इलाज़ न मिलने के कारण ज्यादा लोग दम तोड़ रहे है।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी बहादुरी का लोहा मनवाने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित भारत की हिफाज़त के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले वीर अब्दुल हमीद के बेटे ने भी ऑक्सीजन न मिलने के कारण दम तोड़ दिया।
वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन की तबियत खराब होने पर उन्हे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहाँ पर तमाम कोशिशों के बावजूद इन्हे ऑक्सीजन नही मिल सकी जिसके कारण इन्होंने दम तोड़ दिया।
अली हसन के बेटे सलीम का कहना है कि उनके पिता की मौत अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई है।
अली हसन की मौत न सिर्फ स्वास्थय वयवस्था पर बड़ा सवाल बल्कि वीर अब्दुल हमीद के परिवार को लेकर सरकार का गैरजिम्मेदार रवैया भी है। देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान की कुर्बानी देने वाले वीर अब्दुल हमीद के बेटे को ऑक्सीजन न मिलने बहुत ही ज्यादा बेशर्मी की बात है।