हिजाब को लेकर छिड़े विवाद पर अब कोर्ट का फ़ैसला भी आ चुका हैं. कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का हिस्सा मानने से इंकार कर दिया हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं हैं, शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन को भी सही ठहराया।”
पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, कर्नाटक हाइकोर्ट ने हिजाब मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नही, जज साहब क़ुरआन Surah-Al-Ahzab नंबर 33, आयत नंबर 59 कहता है कि “कह दो अपनी बीवियों से अपनी बिटिया से और मोमिन औरतों से जब भी वो बाहर जाएं तो जिल्बाब पहने,वो कपड़ा जो बहुत ढीला ढाला हो।”
कर्नाटक हाइकोर्ट ने #Hijab मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नही,
जज साहब ! क़ुरआन कहता है कि "कह दो अपनी बीवियों से अपनी बिटिया से और मोमिन औरतों से जब भी वो बाहर जाएं तो जिल्बाब पहने,वो कपड़ा जो बहुत ढीला ढाला हो"
Surah Al-Ahzab No -33
आयात— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) March 15, 2022
कर्नाटक हाइकोर्ट द्वारा हिजाब मामले में दिये गये फ़ैसले से असहमति मेरा अधिकार क्योंकि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है लेकिन अदालत ने हिजाब को अनिवार्य हिस्सा मानने से इनकार किया है, जब लोकतांत्रिक मुल्क़ में सरकारें तय करेंगी कि मुस्लिम क्या खायेंगे,पहनेंगे तो लोकतंत्र कैसा?
सोशल एक्टिविस्ट हया खान का कहना हैं कि, कर्नाटक मे सेक्युलर संविधान की अदालत द्वारा हिजाब पर रोक लगाई गई है और ध्यान रहे यह आदेश कर्नाटक में नही बल्कि पूरे मुल्क़ में लागू किया जायेगा जिसके ज़िम्मेदार हम है।”
आज कर्नाटक हाइकोर्ट ने #Hijab मामले में सुनवाई करते हुए कह दिया है कि हिजाब इस्लाम का अहम हिस्सा नही है इसलिए अब कर्नाटक मे सेक्युलर संविधान की अदालत द्वारा हिजाब पर रोक लगाई गई है और ध्यान रहे यह आदेश कर्नाटक में नही बल्कि पूरे मुल्क़ में लागू किया जायेगा जिसके ज़िम्मेदार हम है!
— Haya Khan (@HayaKhan_999) March 15, 2022