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गुजरात: कोर्ट ने 2002 के दंगों में मुसलमानों की हत्या और गैंगरेप में शामिल 26 आरोपियों को बरी किया

गुजरात दंगों को 21 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी पीड़ित इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खा रहें हैं, कुछ दिन पहले बिल्किस बानो का गैंगरेप और उनकी बेटी की हत्या करने वालों को रिहा कर दिया गया था और अब मुस्लिम समुदाय के लोगों की हत्या और गैंगरेप के 26 आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया हैं।

गुजरात की एक अदालत ने गांधीनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में मुस्लिम समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों की हत्या और सामूहिक बलात्कार के सभी 26 आरोपियों को बरी कर दिया है।

सभी आरोपियों पर कथित तौर पर आरोप था कि यह लोग उस भीड़ का हिस्सा थे जिन्होंने 1 मार्च 2002 को भड़के सांप्रदायिक दंगों में उपद्रव मचाया था, इसके लिए इन लोगों के खिलाफ़ 2 मार्च को कलोल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।

अदालत का कहना हैं कि सभी गवाहों के बयानों में विरोधाभास थे और उन्होंने अभियोजन पक्ष के तर्क का समर्थन नहीं किया. इसलिए इनको बरी किया गया हैं।

आपको बता दें कि, इन लोगों ने कई दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था तथा उनमें आग लगा दी थीं, एक मस्जिद से बाहर आ रहे एक व्यक्ति की भी हत्या करके शव मस्जिद के अंदर ही जला दिया था।

देलोल गांव से कलोल की ओर आ रहे 38 लोगों पर हमला किया गया और 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया, एफआईआर में एक महीला के साथ सामूहिक बलात्कार करने का भी ज़िक्र हैं।

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