न्यूज़ पोर्टल द मूकनायक की फाउंडर मीना कोटवाल आजकल विदेशी अखबारों की सुर्खियों में बनी हुईं हैं. अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर यूनाइटेड अरब अमीरात के खलीज टाइम्स में इनकी चर्चा हो रहीं हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने मीना कोटवाल के संघर्षों को लेकर एक विशेष कवरेज दी हैं, जिसमें बताया गया हैं कि कैसे एक उत्पीड़ित समुदाय की महीला पत्रकार ने जाति की दीवारों को तोड़ते हुए सफलता प्राप्त की हैं।
इसके अलावा यूनाइटेड अरब अमीरात का खलीज टाइम्स भी मीना के संघर्षों को गवाह बना हैं, इसमें भी बताया गया हैं कि कैसे मीना कोटवाल ने भारत में दलित और अन्य वंचित समूहों पर केंद्रित एक समाचार आउटलेट शुरू किया ताकि उनकी कहानियों को छापने से वंचित समूहों का जीवन बेहतर बन सकें।
कौन हैं मीना कोटवाल
मीना ने भारतीय जनसंचार संस्थान से रेडियो और टेलीविजन में पत्रकारिता में पढ़ाई की हैं, सितंबर 2017 से जुलाई 2019 तक बीबीसी हिंदी में पत्रकार के रूप में काम किया हैं।
मीना ने दलित एवं पिछड़े समुदाय की आवाज़ को उठाने के लिए 2021 में द मूकनायक की स्थापना की थीं, जिसके बाद इन्होंने उन खबरों को अपने न्यूज पोर्टल पर जगह दी जिनको कोई भी दिखाना नहीं चाहता था।
छुपी हुई खबरें उजागर करने की वजह से इनको सोशल मीडिया पर काफ़ी धमकियों का भी सामना करना पड़ा था, लेकीन मीना बिना डरे अपनी राह पर चलती रहीं।
मीना कोटवाल के इसी संघर्ष को देखते हुए आज अमेरिका से लेकर यूनाइटेड अरब अमीरात में इनकी चर्चा हो रहीं हैं।