गुजरात की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मुस्लिम विरोधी भाषण की पूरे देश में आलोचना हो रहीं है, जिसके बाद से मोदी सरकार बैकफुट पर आ गईं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 21अप्रैल 2024 को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा में कहा कि “पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंग ने कहा था कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब ? ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे ? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठिए को बाटेंगे।
इस भाषण के जरिए प्रधानमंत्री का निशाना कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोग थे, हालांकि इस बयान की देश-विदेश में पुरज़ोर तरीके से निंदा हो रहीं है।
पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि, पहले सांप्रदायिक राजनीति के लिए रोहिंग्या, घुसपैठिए, देश के गद्दारों को, जैसे शब्दों का इस्तमाल करने वाले नेता अब सीधा ‘मुसलमान’ शब्द का इस्तमाल कर झूठ और नफरत फैलाने लगे हैं।
वो ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि देश की सभी संस्थाएं चुप होकर तमाशा देखेंगी. चुनाव आयोग चुप रहेगा, अदालतें चुप रहेंगी और सरकार तमाशा देखेगी।
जिस भारत की एकता की दुनिया में मिसाल दी जाती है वहां अब अनुराग ठाकुर जैसे लोग सरकारें चलाएंगे और खुले आम नफरत फैलाएंगे. सांप्रदायिक नफरत पर खड़े देश की क्या हालत होती है पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इतिहास अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं की सही आँकलन जरूर करेगा।