कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में नाकाम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब गुंडागर्दी और तानाशाही पर उतर आई है। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने भयानक रूप ले लिया है। भारी संख्या में लोग मर रहे हैं। लोगों को ऑक्सीजन और दवाई मुहैया कराने के बजाए सरकार मौत का आंकड़ा छुपाने में लगी हुई है।
योगी आदित्यनाथ के अपने क्षेत्र गोरखपुर के शमशान घाट के बाहर एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें लिखा है कि “शवदाह गृह में शवों का दाह संस्कार हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार किया जा रहा है कृपया फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी न करें। ऐसा करना दंडनीय अपराध है”
ये पोस्टर गोरखपुर नगर निगम के तरफ से लगाया गया है
https://twitter.com/Rakesh_Sachan_/status/1388537004304961537?s=19
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर में कोरोना संक्रमण की स्तिथि भयावह है। पिछले कई दिनों से सैकड़ों लोग शमशान घाट की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल रहे थे। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लाशों का एक साथ दाह संस्कार हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ये भी दिखाया गया था कि कैसे शमशान घाट के बाहर सैंकड़ों की संख्या में लाशें पड़ी हुई हैं और परिजन अपनी बारी आने का घंटों तक इंतजार कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में योगी गोरखपुर नगर निगम का शमशान घाट के बाहर फ़ोटो न लेने का पोस्टर लगाना स्वाभाविक है कि सरकार मौत के आंकड़ों को छुपाना चाहती है।
पोस्टर में हिन्दू धर्म के हवाले से ये आदेश जारी किया गया है और लिखा गया है कि शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से किया जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार का वीडियो बनाना मना है? अगर नहीं तो फिर ये आदेश क्यूँ जारी किया गया है?
साफ है कि अपनी राजनीति के लिए हिन्दू धर्म का इस्तेमाल करने वाली योगी सरकार अब अपनी बदनामी को छुपाने के लिए भी हिन्दू धर्म का उपयोग कर रही है।
योगी सरकार की तरफ से लगातार ये दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले घट रहे हैं। जबकि स्तिथि ये है कि कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को छुपाने के लिए सरकार को शमशानों घाटों को ढकना तक पड़ रहा है।