Journo Mirror
India

PFI से जुड़े होने शक में गिरफ़्तार सऊद अंसारी को लखनऊ कोर्ट ने दी ज़मानत, 4 महीने पहले UAPA के तहत किया था गिरफ़्तार

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगने के बाद से पूरे भारत में बड़े पैमाने पर मुसलमानों की गिरफ्तारियां हुई थीं, इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश से भी अदुल्लाह सऊद अंसारी को गिरफ़्तार किया गया था।

सऊद अंसारी को सितंबर 2022 में NIA ने गिरफ़्तार किया था, उनपर आरोप था कि, वह प्रतिबंधित संगठन PFI का सक्रिय सदस्य था तथा उनके फोन से कुछ वीडियो भी मिले हैं जिसमें दिखाया गया है कि कैसे मुस्लिम समुदाय को अन्य समुदायों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

हालांकि आरोपी सऊद अंसारी का कहना है कि उसके पास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है. उसे जांच अधिकारियों ने पूछताछ के बहाने पुलिस स्टेशन बुलाया था जिसके बाद गिरफ्तार कर लिया।

लखनऊ की एनआईए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सऊद अंसारी को ज़मानत देते हुए कहा कि, अंसारी को जमानत पर रिहा करने के लिए पर्याप्त आधार पाया हैं कि उस पर लगाई गई धाराएं सात साल से कम के कारावास के साथ दंडनीय हैं और वह सितंबर 2022 से जेल में बंद है।

इस मामले पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, 4 महीने पहले NIA द्वारा PFI का सदस्य बता गिरफ्तार कर UAPA में जेल भेजे गये वाराणसी के सऊद अंसारी को लखनऊ कोर्ट ने जमानत देकर रिहा करने का आदेश दिया है. NIA ने कहाँ था कि इसके फ़ोन से मुस्लिमों के साथ हुए ज़ुल्म औऱ गुजरात दंगे के वीडियो मिले है, मतलब ज़ुल्म के वीडियो रखना भी जुर्म?
https://twitter.com/ZakirAliTyagi/status/1612459561226768392?t=V93FUM54ODYpdOiMhk-ZHg&s=19

Related posts

Leave a Comment