उत्तर प्रदेश पुलिस ने जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ़्तार किए इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीक़ी के हक़ में अब हिंदू समाज के लोग भी आवाज़ बुलंद कर रहें हैं।
मुजफ्फरनगर के फुलत गांव के रहने वाले हिंदुओं ने यूपी पुलिस के आरोपों को सिरे से खारिज़ करते हुए कहा हैं कि “मौलाना कलीम सिद्दीक़ी ने गांव में कभी किसी हिंदू को मुस्लिम बनने के लिए नहीं कहा”.
मौलाना कलीम सिद्दीक़ी फुलत गांव के ही रहने वाले हैं तथा उनके गांव के हिंदुओं द्वारा इस बात को कहने से यूपी पुलिस के मुंह पर जोरदार थप्पड़ लगा हैं।
सोशल एक्टिविस्ट जफर सैफी के अनुसार “मौलाना कलीम साहब के गाँव (फुलत) के हिंदू भाइयों का कहना है कि, “मौलाना ने गाँव में कभी किसी हिंदू को मुसलमान बनने के लिए नहीं कहा, वो शिक्षा का काम करते हैं, मदरसा और कॉलेज चलाते हैं, गरीब हिंदू लोगों की बेटियों की शादी में मदद करते हैं. उनके सभी हिन्दुओं से अच्छे संबंध हैं.”
मौलाना कलीम साहब के गाँव (फुलत) के हिंदू भाइयों का कहना है कि, "मौलाना ने गाँव में कभी किसी हिंदू को मुसलमान बनने के लिए नहीं कहा, वो शिक्षा का काम करते हैं, मदरसा और कॉलेज चलाते हैं, गरीब हिंदू लोगों की बेटियों की शादी में मदद करते हैं. उनके सभी हिन्दुओं से अच्छे संबंध हैं. 1/2
— Zafar Saifi (@ZafarSaifii) September 28, 2021
जफर सैफी ने मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ़्तारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि “अगर मौलाना कलीम जबरन धर्म परिवर्तन करवाते थे तो उनके खिलाफ किसी पीड़ित ने कानूनी कदम क्यों नहीं उठाया, एफआईआर क्यों नहीं करवाई? 80% हिंदू आबादी वाले देश में जहाँ पिछले 7 साल से हिंदुत्व पार्टी की सरकार है वहाँ किसी हिंदू ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?
सवाल ये है कि अगर मौलाना कलीम जबरन धर्म परिवर्तन करवाते थे तो उनके खिलाफ किसी पीड़ित ने कानूनी कदम क्यों नहीं उठाया, एफआईआर क्यों नहीं करवाई?
80% हिंदू आबादी वाले देश में जहाँ पिछले 7 साल से हिंदुत्व पार्टी की सरकार है वहाँ किसी हिंदू ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?— Zafar Saifi (@ZafarSaifii) September 29, 2021
आपको बता दें कि 2013 के मुज़फ्फरनगर दंगे के दौरान मौलाना कलीम सिद्दीक़ी के गाँव के मुसलमान हिन्दुओं के घरो के सामने उनकी सुरक्षा के लिए पहरा देते थे. गाँव के सभी हिंदू मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की बहुत इज़्ज़त करते हैं, उन्होंने कभी गाँव में किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए नहीं कहा।