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बनारस: तब्लीग़ी जमात के लोगों को पुलीस ने मस्जिदों से भगाया, भविष्य में बनारस नहीं आने की चेतावनी दी, मस्जिद के मौलवियों और मुतवल्लियों को भी भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के धार्मिक कार्यों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन आए दिन नए नए नए हथकंडे अपना रहा हैं।

ताज़ा मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का हैं, जहां पुलीस ने बीती 27 अगस्त को शहर की मस्जिदों में ठहरे तब्लीगी जमात के लोगों को भगा दिया।

इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने जमातियों को भविष्य में बनारस नहीं आने की चेतावनी भी दी है, कमिश्नरेट पुलिस ने मस्जिद के मौलवी और मुतवल्लियों को भी नोटिस ज़ारी कर भविष्य में जमात की कोई भी मीटिंग या अन्य आयोजन नहीं करने की चेतावनी दी हैं।

न्यूज़ क्लिक की रिपोर्ट के मुताबिक़, 27 अगस्त 2023 को भोज बाबा की मस्जिद में तब्लीगी जमात के लोगों के मौजूद होने की सूचना आदमपुर पुलिस को मिली थीं, जिसके बाद पुलीस ने मस्जिद में पहुंचकर सभी जमातियों को मस्जिद से बाहर निकाला दिया और कैंट रेलवे स्टेशन भेज दिया गया।

इसके बाद पुलीस ने शहर की कई मस्जिदों में अभियान चलाकर तब्लीग़ी जमात के लोगों को भगा दिया और भविष्य में बनारस नहीं आने की चेतावनी दी।

बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 149 का नोटिस जारी करते हुए मस्जिद के ज़िम्मेदारी को सख्त हिदायत दी हैं कि, अगर आपकी मस्जिद में जमातियों की कोई मीटिंग अथवा कार्यक्रम आयोजित तो आपके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलीस द्वारा मस्जिदों को नोटिस दिए जाने पर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर का कहना हैं कि, पुलीस का नोटिस गैर-कानूनी हैं हमने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी है. धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाना अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।

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