मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज़ करने की मांग की है।
उनका कहना है कि, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के कर्ता-धर्ता ‘व्यापारी’ रामदेव द्वारा अपना व्यापार बढाने के उद्देश्य से दिनांक 03.04.2025 को अपनी एक्स आई.डी “स्वामी रामदेव” (@yogrishiramdev) के माध्यम से एक वीडियो प्रसारित किया है।
जिसमें ‘व्यापारी’ रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत की मार्केटिंग करते हुये कहा कि ” शरबत के नाम पर एक कंपनी मदरसे और मस्जिद बनवाती है अगर आप पतंजलि का गुलाब शरबत पीते हैं तो गुरूकुल बनेगें, आचार्यकुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा।
इसलिये मैं कहता हूं यह शरबत जिहाद भी है, जैसे लव जिहाद, वोट जिहाद चल रहा है, ऐसे शरबत जिहाद भी चल रहा है।”
दिग्विजय सिंह का कहना है कि, रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है एवं वैमनस्य पूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।
व्यापारी’ रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिये धर्म तथा राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रूपये का : साम्राज्य बनाया जबकि पतंजलि के कई उत्पाद तय मानकों पर खरे नहीं उतरे है जिनमें से कई उत्पादों को सक्षम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया है।
‘व्यापारी’ रामदेव कोविड महामारी में भी अवसर का लाभ लेने से स्वयं को अछूता नहीं रखा और कोरोना की वैक्सीन बनाने के झूठे वादे करते हुये पूरे भारत देश को छलने का प्रयास किया और बाद में सर्वोच्च न्यायालय की फटकार पड़ने पर मांफी मांग ली।
परन्तु अपने कृत्यों से आज भी जनमानस को भ्रमित कर उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रहे हैं। ‘व्यापारी रामदेव ने बिना नाम लिये जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है उस ‘हमदर्द’ कंपनी को पूरा देश जानता है। ‘हमदर्द’ कंपनी हमारे देश में लगभग 100 वर्षों से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है।
‘व्यापारी’ रामदेव का “रूह अफजा” शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है कि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है पूरी तरह से हेट स्पीच है तथा उक्त शरबत की बिक्री को “शरबत जिहाद” कहना असंवैधानिक है।
वर्तमान में देश में कई बड़ी कंपनिया जैसे विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो इत्यादि के मालिक गुस्लिम है, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू है जो इन कंपनियों में काम करके अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे है तथा देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे है, तो क्या वह अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जिहाद फैला रहे हैं? और क्या उनमें काम करने वाले लोग जिहादी हैं?
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि ‘व्यापारी’ रामदेव द्वारा अपने उत्पाद के अधिक विक्रय बढ़ाने के लिये देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हुये अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य घृणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया गया है वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर ‘व्यापारी’ रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करे।