महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण की मांग ने एक बार फ़िर से ज़ोर पकड़ लिया हैं, ऑल इंडिया उलमा बोर्ड (AIUB) ने बीते दिनों महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, अगर मुसलमानों को 5 फ़ीसदी आरक्षण नहीं मिला तो हम लोग बड़ा आंदोलन करेंगे।
AIUB के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलीम सारंग के मुताबिक़, पुणे में उलेमा वक्फ बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस अवसर पर देश में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई. अगले चरण के लिए शिक्षा, आरक्षण और सुरक्षा की तिकड़ी पर आधारित एक कार्यक्रम की योजना भी बनाई गई।
भले ही कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा में 5 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे आज तक लागू नहीं किया गया है. कई अन्य राज्यों में इसे लागू किया है और हम सरकार से पूछने जा रहे हैं कि महाराष्ट्र क्यों पिछड़ रहा है?
मुस्लिम समुदाय के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल करने के लिए शिक्षा में आरक्षण आवश्यक है. उलेमा वक्फ बोर्ड उसके लिए कड़ा रुख अपनाएगा।
साथ ही देशभर में वक्फ बोर्ड की जमीनों को निगलने का काम बड़े पैमाने पर किया गया है. हम ऐसी भूमि को पुनः प्राप्त करने और सामुदायिक कार्यों के लिए उनका उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
साथ ही हम मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की कोशिश कर रहे हैं. गलतफहमी के कारण मुस्लिम परिवार बर्बाद हो रहे हैं। यह कानून के खिलाफ है कि युवा मुस्लिम बच्चों को दिनदहाड़े भीड़ द्वारा पीटा जाता है। इसलिए हमारी मांग है कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए एवं मुस्लिम समुदाय के सामने आने वाले अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
आपको बता दे कि सलीम सारंग द्वारा उठाई गई मुस्लिम आरक्षण की मांग सिर्फ़ बैठक तक ही सीमित नहीं रहीं बल्कि उसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार से भी मुलाक़ात कर इस मुद्दे को उठाया एवं अजीत पवार ने भी इस मामले पर सहयोग करने का आश्वासन दिया है।