उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ महीने बाकि रह गए है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के पास जनता के बीच जाने के लिए न तो मुद्दे है और न ही कोई विकास कार्य।
भाजपा ने मुद्दो से ध्यान भटकाने के लिए एक बार फिर से एक जनसंख्या नियंत्रण कानून का मुद्दा छेड़ दिया है लोगों को भ्रमित किया जा रहा है कि यह मुद्दा मुसलमानों के खिलाफ है लेकिन सच्चाई कुछ ओर है।
एक सर्वे के मुताबिक भारत में 2 से ज्यादा बच्चे 83 फीसदी हिन्दुओं के है। और उनमें भी पिछड़े वर्ग के हिन्दुओं के 2 से अधिक बच्चे है।
सर्वे के मुताबिक 2 से अधिक बच्चे 39.5 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 21.6 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी), 10.2 फीसदी अनुसूचित जनजाति (एसटी), 11.6 सवर्ण हिन्दू तथा 13 फीसदी मुसलमानों के होते है।
इस प्रकार हम कह सकते है कि भाजपा जनसंख्या नियंत्रण कानून लाकर पिछड़े वर्ग के हिन्दुओं को परेशान करना चाहती है।
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलीमिन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफीज का कहना है कि “कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना। सर्वे बताता है 2 से ज़्यादा बच्चे 83% हिंदुओं के हैं और सरकारी नौकरियों में भी मुसलमान सिर्फ़ 3-4% हैं अब आप ख़ुद अंदाज़ा लगाइए कि भाजपा जनसंख्या नियंत्रण कानुन के ज़रिए किसे निशाना बना रही है? दलित, पिछड़ा वर्ग या मुसलमान?
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
सर्वे बताता है 2 से ज़्यादा बच्चे 83% हिंदुओं के हैं और सरकारी नौकरियों में भी मुसलमान सिर्फ़ 3-4% हैं
अब आप ख़ुद अंदाज़ा लगाइए कि @BJP4India #जनसंख्या_नियंत्रण_कानुन के ज़रिए किसे निशाना बना रही है? दलित, पिछड़ा वर्ग या मुसलमान? pic.twitter.com/7bKqu2NmXx
— Kaleemul Hafeez (@KaleemulHafeez) July 12, 2021
कलीमुल हफीज का संकेत साफ है कि भाजपा इस कानून के जरिए मुसलमानों से ज्यादा पिछड़े वर्ग के हिन्दुओं यानी दलित समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है क्योकि मुसलमानों में सिर्फ 13 फीसदी लोगों के ही 2 से अधिक बच्चे है। जबकि पिछड़े वर्ग के 70 फीसदी लोगों को 2 से अधिक बच्चे होते है।