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मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच विवाह अफसोसजनक: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच विवाह को अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि इस तरह की शादियों पर शरिया के तहत प्रतिबंध है।

उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता और देश भर के मस्जिदों और मदरसों के उलेमाओं को अंतर-धार्मिक विवाह को रोकने के लिए हर कदम उठाना चाहिए।

मौलाना खालिद सैफुल्ला ने एक बयान में कहा गया है कि माता-पिता को अपने बच्चों, खासकर लड़कियों की शादी में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि देर से शादी इस तरह की और समस्याओं को जन्म देती है।

साथ ही साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बारे में भी कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए।

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