2014 से पहले एक नारा “बहुत हुआ महंगाई पर वार अबकी बार मोदी सरकार” बहुत प्रचलित था अक्सर चौक – चौराहे पर सुनाई पड़ जाता था।
आज देश में बेतहाशा महंगाई है उसके बावजूद न तो यह नारा सुनाई देता है और न ही नारा लगाने वाले दिखाई पड़ते है। पेट्रोल-डीजल तो केन्द्र सरकार के लिए अलादीन का चिराग साबित हो रहा है।
भारत में सबसे ज्यादा टैक्स पेट्रोल एवं डीज़ल के जरिए वसूला जा रहा है। आकड़ो के मुताबिक मनमोहन सरकार जब सत्ता से जा रही थी तब उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए 51063 करोड़ रूपये कमाए।
वही मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक यानी सिर्फ 10 महीनों में ही पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए 294000,000,000,000 करोड़ रूपये वसूले है।
पत्रकार अभिनव पांडेय के अनुसार “294000,000,000,000 अचंभित लोग जीरो गिन नहीं पाएंगे, क्योंकि आंकड़े ट्रिलियन में हैं। हिंदी में कुल 2 लाख 94 हजार करोड़ होते हैं। 10 महीने में पेट्रोल-डीजल और ईंधन पर भारत सरकार ने इतना टैक्स लिया। जो अपने आप रिकॉर्ड है। बदले में पिछले 1 साल में आपको क्या मिला?
294000,000,000,000
अचंभित लोग जीरो गिन नहीं पाएंगे, क्योंकि आंकड़े ट्रिलियन में हैं। हिंदी में कुल 2 लाख 94 हजार करोड़ होते हैं।
एक साल में पेट्रोल-डीजल और ईंधन पर भारत सरकार ने इतना टैक्स लिया। जो अपने आप रिकॉर्ड है। बदले में पिछले 1 साल में आपको क्या मिला ?
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) June 6, 2021
अभिनव पांडेय का कहना है कि “मनमोहन सरकार जाते-जाते 2013-14 में पेट्रोल-डीजल से 51053 करोड़ कमाए। मोदी सरकार ने करीब 6 गुना ज्यादा
2,94,47Cr 2020-21 के मात्र 10 महीने में कमा लिए। जो कहते थे टैक्स हटा दे तो पेट्रोल 30 का मिलेगा,वो मलाई चाभ के बैठ गए। वादा था टैक्स घटाएंगे,चेक कीजिए एक भी बार घटाया है?
मनमोहन सरकार जाते-जाते 2013-14 में पेट्रोल-डीजल से 51053 करोड़ कमाए।
मोदी सरकार ने करीब 6 गुना ज्यादा
2,94,47Cr 2020-21 के मात्र 10 महीने में कमा लिए।जो कहते थे टैक्स हटा दे तो पेट्रोल 30 का मिलेगा,वो मलाई चाभ के बैठ गए। वादा था टैक्स घटाएंगे,चेक कीजिए एक भी बार घटाया है ? pic.twitter.com/rJxui8UmOi
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) June 6, 2021
दूसरी सच्चाई ये है कि कच्चा तेल जितने का मनमोहन सरकार को मिल रहा था वह तब 70-75 में पेट्रोल बेच रही थी। वही रेट कच्चा तेल का आज हो जाए तो मोदी सरकार में आपको 140-150 रुपये देने पड़ जाएंगे।असली शेर वह होता है जो अपनी प्रजा के हितों की रक्षा करे, ना कि उसे ही खा जाए।