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मोदी का बांग्लादेश सत्याग्रह: सुब्रमण्यम स्वामी बोले “1971 में जनसंघ में मोदी को कोई जानता भी नहीं था।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बांग्लादेश दौरे पर हैं। बांग्लादेश की आज़ादी दिवस के मौके पर ढाका में एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया। लोग पीएम मोदी को तरह तरह से ट्रोल कर रहे हैं।
पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाते हुए कई ट्विटर यूज़र्स ने लिखा है कि “न्यूटन पर जो सेब गिरा था वो मोदी जी ने गिराया था”।
एक अन्य यूजर ने लिखा है कि “1857 के आज़ादी की लड़ाई भी मोदी जी ने ही शुरू की थी।
एक अन्य यूजर ने मोदी जी के इस बयान को झूठा बताते हुए सवाल किया है कि बांग्लादेश की आज़ादी से पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था और भारत बांग्लादेश की तरफ से पाकिस्तान के लिए लड़ रहा था तो ये बताईये मोदी जी आपको जेल किसने भेजा? भारत ने, बांग्लादेश ने या पाकिस्तान ने?

मोदी जी के इस बयान का विरोध अब उनके ही दल के नेता करने लगे हैं। अपनी तीखी आलोचनाओं के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी के इस बयान को झूठा बताया है। उन्होंने लिखा है कि 1971 में हम जनसंघ के लोग मोदी को न ही जानते थे और न ही पहचानते थे। मैं उनसे पहली बार 1972 में कर्णावती में ABVP कॉन्फ्रेंस के दौरान मिला। और अगली बार नवंबर 1975 में मिला जब मैं ट्रैन से मुंबई से मानी नगर स्टेशन आया था। वह (नरेंद्र मोदी) मुझे मकारंद देसाई जी के घर तक छोड़ने के लिए स्टेशन लेने आये थे।

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