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वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर मोदी का फोटो तो मरने वाले के डेथ सर्टिफिकेट क्यों नहीं?:- कांग्रेस नेता

कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में नाकाम मोदी सरकार क्रेडिट लेने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है। केंद्र की मोदी सरकार लोगों की लाशों पर भी राजनीति करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। एक तरफ लोग अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी से परेशान हैं वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार प्रचार प्रसार में लगी हुई है।

देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की रफ्तार बहुत धीमी है। कोरोना वैक्सीन की रफ्तार तेज करने की बजाए सरकार अपनी इमेज सुधारने में लगी है।

कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद हर किसी को एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। जिसमें लगाने वाले के नाम पता और टीका की जानकारी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा सा फ़ोटो लगा हुआ है।

वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी के फोटो लगाने की खूब आलोचना हो रही है। लोग प्रधानमंत्री को प्रचार मंत्री कह रहे हैं।

प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुन्नी लाल साहू ने लिखा है कि “जिस तरह से वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर मोदी का फोटो लगा हुआ है,
उसी तरह कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी मोदी का फोटो होना चाहिए ?”

आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की रफ्तार बहुत धीमी है। कई विशेषज्ञयों ने ये दावा किया है कि अगर इसी रफ्तार ने चलता रहा तो 2023 तक वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।

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